बॉलीवà¥à¤¡ डेसà¥à¤•. तापसी पनà¥à¤¨à¥‚ 2013 में साउथ इंडियन सिनेमा से बॉलीवà¥à¤¡ में आईं और उनकी पहली हिंदी फिलà¥à¤® 'चशà¥à¤®-à¤-बदà¥à¤¦à¥‚र' सà¥à¤ªà¤°à¤¹à¤¿à¤Ÿ रही। इसके बाद से हिंदी सिनेमा में उनकी सकà¥à¤¸à¥‡à¤¸à¤«à¥à¤² पारी जारी है। तापसी की मानें तो हर इंसान को कई सà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ पर संघरà¥à¤· करना पड़ता है और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¥€ किया है। लेकिन उनका संघरà¥à¤· रूà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से नहीं, मानसिक सà¥à¤¤à¤° पर रहा। तापसी के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, उनकी आदत है कि जिस बात से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डर लगता है, वह वो जरूर करती हैं।
हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन में संघरà¥à¤· होता है। समाज की रूà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से संघरà¥à¤·, खà¥à¤¦ के à¤à¥€à¤¤à¤° बने मेंटल बà¥à¤²à¥‰à¤• से संघरà¥à¤·, परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से संघरà¥à¤·, घर-परिवार की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं-धारणाओं से संघरà¥à¤·à¥¤ मेरा मानना है कि संघरà¥à¤· à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर ही नहीं होता और कई बार आस-पास की à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को मात देकर सफलता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना उतना कठिन नहीं होता, जितना मानसिक सà¥à¤¤à¤° पर साहस दिखाना। मà¥à¤à¥‡ इसी सà¥à¤¤à¤° पर संघरà¥à¤· का सामना करना पड़ा है।
सातवीं-आठवीं कà¥à¤²à¤¾à¤¸ तक गणित अचà¥à¤›à¤¾ नहीं लगता था, लेकिन पिताजी ने कहा कि गणित से पà¥à¤¯à¤¾à¤° करना सीख लो, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि गणित ज़िंदगी à¤à¤° तà¥à¤®à¤¸à¥‡ चिपका रहेगा। मैंने गणित को समà¤à¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ किया। फिर तो यह मेरा पसंदीदा विषय बन गया। जबकि हमारे दिमाग में यह बात बैठी हà¥à¤ˆ है कि लड़कियां गणित नहीं पढ़ सकती। मेरी आदत रही है कि मà¥à¤à¥‡ जिस चीज़ से डर लगे या मना किया जाठमैं वो ज़रूर करती हूं। तो पहला संघरà¥à¤· धारणा से और पहली जीत à¤à¥€ उसी पर।
मà¥à¤à¥‡ याद है, मà¥à¤à¥‡ व मेरी बहन को शाम को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था। मà¥à¤à¥‡ लगता था कि आखिर मैंने कà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ किया है कि मà¥à¤à¥‡ घर से नहीं निकलने दिया जाता। जहां शाम को मà¥à¤à¥‡ घर से निकलने नहीं दिया जाता था वहीं 21 साल की उमà¥à¤° मà¥à¤à¥‡ अकेले दिलà¥à¤²à¥€ से बाहर हैदराबाद जाना पड़ा और मैं गई। मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• फिलà¥à¤® मिली थी। वहां मैंने अकेले कमरा ढूंà¥à¤¾, सामान खरीदा, घर का सामान जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ यह थी दूसरी धारणा पर जीत।
मेरे कॉलेज टाइम में मà¥à¤à¥‡ डांस का बहà¥à¤¤ शौक था, लेकिन कोई टीम नहीं बन रही थी। जब कà¥à¤› नहीं दिखा तो मैंने खà¥à¤¦ अपनी ऑल वरà¥à¤²à¥à¤¡ गरà¥à¤²à¥à¤¸ डांस टीम बनाई। मैं अपने घर से पॉकेट मनी लिया करती थी। घर में पॉकेट मनी का हिसाब देने का नियम था। मà¥à¤à¥‡ यह बहà¥à¤¤ खराब लगता था।
मैं चाहती थी कि मैं खà¥à¤¦ कमाना शà¥à¤°à¥‚ करूं ताकि मà¥à¤à¥‡ हिसाब न देना पड़े, इसलिठमैंने मॉडलिंग शà¥à¤°à¥‚ की। मॉडलिंग कोई मेरे लिठकरिअर नहीं थी। मà¥à¤à¥‡ घर से बाहर रहने या कहीं à¤à¥€ देर रात जाने की इजाज़त नहीं थीं। मà¥à¤à¥‡ इस लाइन में आना à¤à¥€ नहीं था। लेकिन मॉडलिंग मेरे लिठà¤à¤• पारà¥à¤Ÿ टाइम ज़ॉब थी। तीसरा कदम था अपनी राह खà¥à¤¦ बनाने की, आतà¥à¤®-निरà¥à¤à¤° होने का।
मेरे पिताजी ने कà¤à¥€ बिज़नेस नहीं किया था। वे रियल à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ कंपनी में फाइनेनà¥à¤¸ संà¤à¤¾à¤²à¤¤à¥‡ थे, लेकिन मैंने दो बिज़नेस शà¥à¤°à¥‚ किठहैं। दोनों सफलतापूरà¥à¤µà¤• चल रहे हैं। à¤à¤• वैडिंग पà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿à¤‚ग का बिज़नेस है- द वैडिंग फैकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ नाम से। इसके बाद मैंने पà¥à¤£à¥‡ की बैडमिंटन लीग की टीम खरीदी है।
मैंने सब कà¥à¤› बहà¥à¤¤ छोटी-छोटी योजना से शà¥à¤°à¥‚ किया। हर लेवल पर खà¥à¤¦ को छोटे-छोटे कदमों से आगे बढ़ाया। अपने डर को जीता। नाकाम होने का होने का जोखिम लेने का साहस मेरी अगली कामयाबी रही। जोखिम लेने के लिठआतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ होना ज़रूरी है। सेफ गेम खेलने में मज़ा नहीं आता।
मेरे लिठफिलà¥à¤® इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ में आना à¤à¥€ जोखिम था। जोखिम लेते समय हमें यह सोच रखनी चाहिठकि जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ हो जाà¤à¤—ा? हम फेल ही तो हो जाà¤à¤‚गे न...पैसे बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ हो जाà¤à¤‚गे, मर थोड़ी जाà¤à¤‚गे, ज़िंदा रह गठतो दोबारा करेंगे। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ की à¤à¤• कहावत है कि वà¥à¤¹à¥‰à¤Ÿ डज़ नॉट किल यू मेकà¥à¤¸ यू...। कà¥à¤› à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ नहीं है, अचà¥à¤›à¤¾ और खराब वकà¥à¤¤ दोनों। किंतॠनकारातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ हमें आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करती है। जो हमारे पास नहीं है हमें वो याद रहता है, लेकिन जो है वो याद नहीं रहता है। हमें अचà¥à¤›à¥€ बातें और अचà¥à¤›à¥€ चीज़ें याद नहीं रहती हैं। वकà¥à¤¤ बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ हो रहा है निगेटिव सोचने में। पॉज़िटिविटी से ही चीज़ें बेहतर होती हैं।
'मिशन मंगल' फिलà¥à¤® करते हà¥à¤ और सांइस सà¥à¤Ÿà¥‚डेंट होने के नाते मैं कह सकती हूं कि लड़कियां किसी सà¥à¤¤à¤° पर कम नहीं हैं। महिलाओं को अगर कà¥à¤› रोकता है तो वह है उनका अंडर-कॉनà¥à¤«à¤¿à¤¡à¥‡à¤‚स। वह कैसे कà¥à¤› और नहीं कर सकती है, जबकि वह दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में दूसरी ज़िंदगी लाती है। मौजूदा वकà¥à¤¤ महिलाओं को तरकà¥à¤•à¥€ करने के लिठकाफी पॉज़िटिव है। मैं अगर अपनी मां के दौर की बात करूं तो अब वकà¥à¤¤ काफी बदल चà¥à¤•à¤¾ है।
मैं वरà¥à¤· 2010 में फिलà¥à¤® इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ में आई थी। मैं देख रही हूं कि तब से लेकर आज तक हर फीलà¥à¤¡ में चीज़ें बदली हैं। हालांकि यह काफी नहीं है। महिलाओं में हिमà¥à¤®à¤¤ आई है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बात करना शà¥à¤°à¥‚ किया है। हर सà¥à¤¤à¤° पर कम से कम थोड़ा ही सही लेकिन कहीं कà¥à¤› तो शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤†à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ जड़ हो चà¥à¤•à¥€ दीवारें गिर रही हैं। बेशक यह सब अà¤à¥€ बहà¥à¤¤ धीमा है। यह किस रफà¥à¤¤à¤¾à¤° से बढ़ता है यह देखना है।
दरअसल, महिलाओं के रासà¥à¤¤à¥‡ की दीवारों को महिलाओं की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• आज़ादी, आतà¥à¤®-निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ और आतà¥à¤®-विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ ही गिरा सकता है। तà¤à¥€ वे अपनी ज़िंदगी की बागडोर अपने हाथ में रख सकेंगी। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° महिलाà¤à¤‚ सोचती हैं कि कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बोलें? बोलूंगी तो घर में कलह होगी, कहां जाऊंगी, कौन मदद करेगा । वे बोलना तो चाहती हैं, लेकिन बोलती नहीं हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनके पास कोई ऑपà¥à¤¶à¤¨ नहीं होता है।
मà¥à¤à¥‡ याद है मेरी मां ने मà¥à¤à¥‡ बचपन से ही सिखाया है कि à¤à¤• चà¥à¤ª सौ सà¥à¤–, वह अà¤à¥€ à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही बोलती हैं। मà¥à¤à¥‡ 'à¤à¤• चà¥à¤ª सौ सà¥à¤–' का कॉनà¥à¤¸à¥‡à¤ªà¥à¤Ÿ इरिटेट करता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ महिलाà¤à¤‚ कोई सवाल नहीं पूछ सकती हैं। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बस यह लगता है कि वे चà¥à¤ª रहेंगी तो सब ठीक रहेगा।