नई दिलà¥à¤²à¥€.सरà¥à¤µà¥‡ ऑफ इंडिया (à¤à¤¸à¤“आई) पहली बार डà¥à¤°à¥‹à¤¨ की मदद से देश का डिजिटल नकà¥à¤¶à¤¾ बना रहा है। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और तकनीकी विà¤à¤¾à¤— के सहयोग से यह काम दो साल में पूरा होगा। इसके लिठतीन डिजिटल केंदà¥à¤° बनाठगठहैं।यहां से पूरे देश का à¤à¥Œà¤—ोलिक डिजिटल डेटा तैयार होगा। सैटेलाइट से नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ होने वाले जीपीà¤à¤¸ सिसà¥à¤Ÿà¤® की अपेकà¥à¤·à¤¾ यह डिजिटल नकà¥à¤¶à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सटीक और सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ होगा। हालांकि, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ à¤à¤¸à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की मैपिंग नहीं की जाà¤à¤—ी, जाे संवेदनशील हैं।
इस पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤°, हरियाणा और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• से हो गई है। इससे जमीन संबंधी जानकारियां और ठिकाने की पतासाजी आसानी से की जा सकेगी। यह नकà¥à¤¶à¤¾ 10 सेंटीमीटर तक की सटीक पहचान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करेगा।
वरà¥à¤šà¥à¤…ल सीओआरà¤à¤¸ सिसà¥à¤Ÿà¤® से नई मैपिंग
सरà¥à¤µà¥‡ ऑफ इंडिया का कहना है कि अà¤à¥€ हमारे पास 2500 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤‚ड कंटà¥à¤°à¥‹à¤² पॉइंटà¥à¤¸ हैं। इसी आधार पर मैपिंग की जाती रही है। यह गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤‚ड कंटà¥à¤°à¥‹à¤² पाॅइंटà¥à¤¸ देश के हर 30 से 40 किमी के दायरे में समान रूप से बांटे गठहैं। हालांकि, नई मैंपिंग के लिà¤à¤µà¤°à¥à¤šà¥à¤…ल सीओआरà¤à¤¸ सिसà¥à¤Ÿà¤® का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जा रहाहै। सीओआरà¤à¤¸ यानी सतत संचालन संदरà¥à¤ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨à¥¤ इसके नेटवरà¥à¤• का उपयोग करते हà¥à¤ अब जो नकà¥à¤¶à¥‡ बनाठजा रहे हैं, उनसे ततà¥à¤•à¤¾à¤² थà¥à¤°à¥€-डी जानकारी हासिल की जा सकती है। नई तकनीक की मदद से विà¤à¤¾à¤— निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ सà¥à¤•à¥‡à¤² पर ही डिजिटल नकà¥à¤¶à¤¾ उपलबà¥à¤§ कराà¤à¤—ा। अà¤à¥€ जो नकà¥à¤¶à¤¾ मौजूद है उसे बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सरà¥à¤µà¥‡à¤¯à¤° करà¥à¤¨à¤² सर जॉरà¥à¤œ à¤à¤µà¤°à¥‡à¤¸à¥à¤Ÿ ने 1 मई 1830 को बनाया था।
2017 मेंई-लोकेशनà¥à¤¸ पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† था
189 साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ इस सटीक नकà¥à¤¶à¥‡ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ के बाद इसे नठसिरे से बनाने के लिठसरकार ने कई पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ शà¥à¤°à¥‚ किठथे। 2017 में डाक विà¤à¤¾à¤— ने मैपमायइंडिया के साथ जà¥à¥œà¤•à¤° à¤à¤• पायलट डिजिटल पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ शà¥à¤°à¥‚ किया था। इसका नाम ई-लोकेशनà¥à¤¸ था। इस डिजिटल मैपिंग पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ लोगों के पते की डिजिटल मैपिंग करना था, जिससे à¤à¤¾à¤°à¤¤ की डाक सेवा जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सटीक हो और रियल à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ के बारे में पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ आà¤à¥¤
ये फायदे होंगे
नठडà¥à¤°à¥‹à¤¨ मैपिंग सरà¥à¤µà¥‡ में सà¤à¥€ घरों की जियो मैपिंग होगी। वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को नकà¥à¤¶à¥‡ पर चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ किया जाà¤à¤—ा। इससे संपतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के टैकà¥à¤¸ में सामने आने वाली तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ खतà¥à¤® होंगी। टैकà¥à¤¸ वसूली बà¥à¤¨à¥‡ से नगर निगम और पालिकाओं को आरà¥à¤¥à¤¿à¤• मजबूती मिलेगी। बाॠके बाद à¤à¥€ खाली पà¥à¤²à¥‰à¤Ÿ की आसानी के साथ मैपिंग की जा सकेगी। इससे लोगों को राहत मिलेगी।